Wednesday, May 28, 2014

वक्‍त

1

वक़्त के आगे

चले ना चतुराई

समझो भाई।

 2

वक़्त सूरज

दिखाता है ये राह

ना घबराना ।

3

वक़्त के साथी

बदलें प्रतिपल

देखता चल।

4

वक़्त की छड़ी

करती ना आवाज़

गिराती गाज।

 5

समय-सिन्धु

अनंत असीमित

डूबे हैं लाखों।

 6

काल कोयल

मधुर गीत गाता

भाग्‍य -विधाता।

7

खामोश झील

समय का रहस्‍य

बढता जाए।

8

कर आगाज़

बन जा तू आवाज़

वक़्त हो साज।

   9

बन सारथी

ये चलाये जीवन

हो पहचान।

  10

ये सुख दुख

वक़्त के हैं गुलाम


ले तू मान।