ओस की बूंद-सा अस्तित्व
सूर्य किरण में सिमटता
चन्द्र किरण से खिलता
ये अस्तित्व के धरातल पर
ओस-सा अस्तित्व
चाहा बहुत
ना सूर्य का
अपनतत्व मिला
ना ही चन्द्र से
जुड़ा कोई नाता
ओस का संधर्ष है निरन्तर
पर क्षणिक है जीवन
से नाता।