Wednesday, April 9, 2014

पतझर

1

हुई खामोशी

पतझर- सी पीली

घूमे अकेली ।

2

ख्‍़वाबों के रंग

क्‍यों हुए बदरंग

बूझो पहेली 

3

वो ठूँठ बना

करता इंतजार-

आए बहार।

4

वक्‍त सीखता-

रंगों की पहचान

बन सुजान।

5

बदले चाल

पतझर के बाद

आये बहार।

6

बदले रंग

जीवन व मौसम

क्‍यों संग- संग।  

7

टूटे पत्तों- सी

जिन्‍दगी की कड़ियाँ

टूटीं- बिखरी।

8

ये एतबार-

यूँ मिलेगी बहार

हो नया प्‍यार ।

9

वक्‍त- आईना

कभी न घबराना

चलते जाना।

10

अपना साया

इंद्रधनुष बन

बदले रंग।


1 comment:

  1. सभी हाइकु बहुत उम्दा है, पतझड़ को बयान कर रहे. यह सबसे ज्यादा पसंद आया...
    अपना साया
    इंद्रधनुष बन
    बदले रंग।
    बधाई.

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