Sunday, June 8, 2014

माटी


   1
कान्‍हा ने खाई
माई सृष्टि दिखाई
लीला रचाई।
    2
माटी से बने
मिलेंगे माटी ही में
क्‍यों हैं अन्‍जान ।
    3
माटी का मोल
जीवन अनमोल
योद्धा के बोल।
   4
ललाट लगी
माटी देश की शान
बढ़ाती मान।
    5
सौंधी ये गंध
करे बावला मन
देती जीवन।
    6
हो ये बावरी
क्‍यों बनी किरकिरी
जीवनदात्री।
    7
हैं खेले खेल
बचपन की साथी
अब ना भाती।
    8
रूप अनेक
ये कारी भूरी लाल
देती दुलार।


 28.05.2014

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