1
कान्हा ने खाई
माई सृष्टि दिखाई
लीला रचाई।
2
माटी से बने
मिलेंगे माटी ही में
क्यों हैं अन्जान ।
3
माटी का मोल
जीवन अनमोल
योद्धा के बोल।
4
ललाट लगी
माटी देश की शान
बढ़ाती मान।
5
सौंधी ये गंध
करे बावला मन
देती जीवन।
6
हो ये बावरी
क्यों बनी किरकिरी
जीवनदात्री।
7
हैं खेले खेल
बचपन की साथी
अब ना भाती।
8
रूप अनेक
ये कारी भूरी लाल
देती दुलार।
28.05.2014
No comments:
Post a Comment
Note: Only a member of this blog may post a comment.