Saturday, April 18, 2015

हाइकु


 1
यादें मृदुल
हर दर्द मिटा दें
दे के संबल ।
  2
जीवन बीता
तेरी यादों के संग
यूं भी संगम।
  3
ये इंतजार
सिमटा ख़ामोशी में
करता शोर।
4
दर्द है बाकी
आवाज की ख़लिश
सुनाती हाल ।
5
मन की माला
टूटी, बिखरे मोती
मिला ना साथ ।
6
गाते मल्‍हार
छेड़े हैं स्‍वरागिनी
साँसो के तार ।
7
हरे थकान
खिली मेरे आँगन
मीठी मुस्कान ।
8
गाती कोयल
लिखे किसने बोल
दें, मिश्री घोल ।
 9
कौन सुनेगा
दर्द भरी आवाज
बधिर साज।
10
ख़ामोश हवा
यूँ ख़ामोश सांसों सी
लेती सिसकी ।
11
आई है भोर
लाई शुभ सन्‍देश
हो श्री गणेश ।
 12
मन के हंस
चले लहरों संग
गाते रागिनी ।
 13
यादों के पाखी
लेने को थे उड़ान
खिचें मुस्‍कान ।
14
रूह को मिले
अद्भुत सुकून सी
तेरी मुस्‍कान।
15
कहती भोर
ख्‍वाब नये तू सजा
कर ये पूजा।
 16
सिमटी शाम 
ख़ामोशी का रंग ले
फैलाती बाहें ।
17
ये गुपचुप
बातें, हँसी ठिठोली
धरा की झोली ।
18
ये नटखट
खेले है, आंख-मिचौनी
धरा संगिनी ।
19
है झिलमिल
मोहिनी-सा ये रूप
श्रद्धा स्‍वरूप ।


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