1
भटके जीव
खोजे है ठंड़ी छाँव
जीवन गाँव।
2
मन पथिक
अनंत मरिचिका
फंसे मीन-सा ।
3
देती थकन
मन की अटकन
मिले न थाँव ।
4
ईश की याद
क्यूँ दर्द की
राह में
जले दीप-सी।
5
जली प्रेम लौ
भटकन की आँधी
क्यूँ, गई बुझा।
6
जीवन साँझ
मन जपे है राम
धुंधला धाम।
सीमा स्मृति
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