Friday, September 19, 2014

वक्‍त

देखती तुम्‍हारी तस्‍वीर 
वक्‍त जादू 
वक्‍त पहेली
वक्‍त नशा
वक्‍त सजा
वक्‍त मेहरबानी
वक्‍त निशानी 
वक्‍त तकदीर 
वक्‍त तामीर 
वक्‍त फरीयाद 
वक्‍त यकीन 
वक्‍त धोखा 
वक्‍त को किसने रोका
तुमको यूं देखा
तो याद आया
वक्‍त ने इतना सिखाया
मुझे ना अजमा बन्‍दे
जिन्‍दगी भी वक्‍त की गुलाम 
ऐ जिन्‍दगी तुझसे पहले 
वक्‍त की हर लय को 
सलाम सलाम ।
सीमा स्‍मृति


No comments:

Post a Comment

Note: Only a member of this blog may post a comment.