Wednesday, January 6, 2016

भोर

1
भोर का शोर
यूँ घोलता मिठास
झूमे आकाश।
  2
भोर का रंग
दे उम्मीदों के पंख
भरो उड़ान ।
3
यूँ गई साँझ
सूरज को  दे काज
लाये उजास ।
4
ख़ामोश भोर
लिये मीठी मुस्कान
हरे थकान।
5
भोर सहेली
तुम नहीं अकेली
थमो हथेली।
6
झाँकती भोर
लगी गुनगुनाने
मीठे तराने।
7
खोजती आँखें
करती इंतजार
भोर त्‍यौहार ।
8
भोर -आँगना
सजा नया सपना
होगा अपना ।
9
कहे ये भोर
हों मज़बूत स्तम्भ
न करें दंभ।
10
कहती भोर
भौंरे सी खोज रही
आस का फूल। 

11
 नन्हें शिशु-से
है लगे मचलने
नये सपने।


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