Friday, December 6, 2013

सांसे

कहते हैं
मिली हैं सांसे सभी को गिनती भर
खेलते खेल इन्‍हीं सांसो पर
सुख :दुख के झूले पर
वक्‍त के हिंडोले पर
कितने आये  और चले गए
नहीं आई गिनती
समझ ना आई ये गिनती ।
05.12.2013

1 comment:

  1. आपने जीवन के सुख दुख और साँसों के संबंध का सराहनीय वर्णन किया है

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