Monday, December 29, 2014

सर्दी

1                      
सर्दी की शामें
संवेदना-सी जमी
ढूँढती आँच ।
2
खोजते रहे
टूटा-सा आशियाना
सर्दी का आना।
3
रैन-बसेरा
ये ना मेरा,ना तेरा
हुआ सवेरा।
4
सर्दी के दिन
वो कुनकुनी धूप
मिला खजाना।
5
अमृत लगे
इक टुकड़ा धूप
खोजें निगाहें।
6
शीत लहर
खोजें अर्थ सर्दी के
पाँच मरे हैं । 
7
दुबके पंछी
ठिठुरते हैं इंसाँ
करे  क्या बयाँ ।
8
जम- सी गई
खोजती लकड़ियाँ
वो दो निगाहें।
          
 सीमा स्‍मृति 

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