देख ये है हैवानियत
कुदरत भी है हैरान
क्या मैंने ही बनाया था इंसान
अपनी ही नस्लों को करता बर्बाद
किस मुहँ से खुद को कहता इंसान
चिथड़े उड़ाता अपने ही जिगर के टुकड़ों
और
कहे ये है मुझसे मिलने का है रास्ता
अरे ओ शैतान
खुद को पहचान
ना कह खुद को इंसान
वो लाल भी जन्मा था तेरी मां सी कोख से
जो उजाड़ी तूने ले, मेरा नाम ।
कौन सा रास्ता कैसे रास्ता मेरे नाम
अरे इंसान बस अपने अन्दर झांक ।
सीमा स्मृति
कुदरत भी है हैरान
क्या मैंने ही बनाया था इंसान
अपनी ही नस्लों को करता बर्बाद
किस मुहँ से खुद को कहता इंसान
चिथड़े उड़ाता अपने ही जिगर के टुकड़ों
और
कहे ये है मुझसे मिलने का है रास्ता
अरे ओ शैतान
खुद को पहचान
ना कह खुद को इंसान
वो लाल भी जन्मा था तेरी मां सी कोख से
जो उजाड़ी तूने ले, मेरा नाम ।
कौन सा रास्ता कैसे रास्ता मेरे नाम
अरे इंसान बस अपने अन्दर झांक ।
सीमा स्मृति
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