नव-वर्ष
की शुभकामनाओं के लिए
एहसास की सुगन्ध चाहिए
यूं तो
नि:शब्द भी----
जीवन की बगिया महकती है,
उम्मीदों के पंछी चहकते हैं,
संभावनाओं की तितलियां मचलती हैं,
आस के भँवरे गुनगुनाते हैं,
और
कहते हैं, बार-बार
भूलो इसी क्षण
जो कल बीते,कठिन पल
देखो नई दिशा,
फैलाओ नव उल्लास,
करो नव प्रयास,
मिले नई आशा,
जीवन को दो नई परिभाषा।
नव-वर्ष की नव किरण देती पैगाम
शुभ हों ! पूर्ण हों! फलीभूत हों !
तुम्हारे सभी काम ।
सीमा स्मृति
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