फीकी –सी धूप
ठीक, उस फीकी सी मुस्कान सी
जो सिमट जाती है माँ के चेहरे पर
करती बेस्ट ऑफ लक
जवान बेटे को,हर रोज नया इन्टरव्यूह
देने जाते वक्त ।
वो फीकी मुस्कान---
शादी के इश्तिहारों में खोजती
बेटी का भविष्य ।
वो फीकी मुस्कान---
रिटायर पति को देती दिलासा
देख बैंक पास बुक का बैलेंस ।
जिन्दगी जीने की
नसीहतें!उपाय,!आइडिया!
टेलीविजन के चैनलों पर देख
सिमट जाती है “वही फीकी मुस्कान”
काश जिन्दगी होती इतनी ही आसान ।
सीमा स्मृति
No comments:
Post a Comment
Note: Only a member of this blog may post a comment.