देखे हैं तेरी खुशी
में,
तितलियों के पंखों
से रंग ।
सुनी है मैंने
तेरी खुशी में,
भँवरों की गुनगुन
मैं जानने लगी हूँ
अस्तित्व के
धरातल पर
तू संधर्ष की
लहरों से
टकराता प्रतिपल
मुस्कराता और
कहता
दोस्त-
यही जीवन
यही जीवन।
सीमा स्मृति
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