Tuesday, November 12, 2013

बादल

1 ये मनचला
  ले धूप का आंचल
  उड़ता चला ।

2 बिजली रानी
  है, इसकी दीवानी
  दोस्‍ती पुरानी ।

3 बड़ा शैतान
  बनता है नादान
  ये महेमान ।

4 बादल बन
  ये उदासी के साये
  मन पे छाये।

5 झोली भर ये
  अमृत बरसाये
  जो मन आये।

6 रूदाली बना
  कभी तेरा गर्जन
  कभी मल्‍हार ।

7 बरसे मेघा
  रिमझिम रे मेघा
  मोहक मेघा ।

8  मेघ दीवाना
   रहता है मस्‍ताना
   बनें अन्‍जाना । 

9  देख झलक
   झूमे, मन मयूर
   हुआ बांवरा ।
10 ये नटखट
   आये, बिन आहट
   कि अटाहस ।

11 देख इसे, ये
   चिरिया की सहेली
   कि अटखेली ।

12 रोद्ध रूप ले
   बना कलि अवतार
   है,भूला प्‍यार ।


 03.02.2013



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