क्या हुआ सर, आप आज आफिस के लिए लेट कैसे हो गए ?
अरे मैडम क्या बताये, आप तो जानती हो घर में हम सभी
नौकरी करते हैं। ऐसे में नौकर भी पालना पड़ता है। बस उसी नौकर को बुखार हो गया।
उसे डाक्टर के पास ले कर गया था इसी कारण लेट हो गया। उसे वापिस ऐजेंसी वालों के
पास भी तो नहीं भेज सकते वरना पता नहीं वापिस आये या नहीं।
हां सर, ये तो है।
अब डाक्टर ने उसे ढेंगू बताया है। खून टेस्ट करवाया, प्लटेलेट थोड़े
कम आये हैं।
सर कितने हैं ?
यही तीस हजार।
सर, ये तो बहुत कम हैं ।
मैडम, हम उसको दवाई के साथ ताजा जूस, दूध सब दे रहे हैं।
ऐजेंसी वाले क्या ख्याल रखते जो हम रख रहे हैं। ठीक हो जाएगा । उस के बिना हमारा
भी तो गुजारा नहीं हो सकता। कुछ नहीं
होगा। तीन चार दिन का टाइम तो लगेगा पर
ठीक हो जाएगा। मैनें अखबार में पढ़ा था कि
इस बार दिल्ली में ढ़ेगू से मरने वालों
की संख्या बहुत ही कम है।
सीमा स्मृति
30.10.2013
आज के युग में मानवता से निजस्वार्थ अग्रणीय है,सही दर्शाया आपने।
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