Sunday, November 17, 2013

आशा

        1
टिमटिमता
आशा-दीप,कहे
यही जिन्‍दगी।
     2
होगा सवेरा
रोज कहे अंधेरा
हो चक्र पूरा।
     3
दिखाई राह
तुम साथ निभाना
भूल न जाना।
    4
नयी हैं राहें
कठिन है डगर
 चलते जाना।
    5
 मेरी खामोशी
टूट के बिखरेगी
किरिचे बन।
     6
पेट में रोटी
तन पर लंगोटी
वक्‍त कसौटी।
     7
तन्‍हा सफर
मंजिल भी है दूर
रूक ना जाना।
   8
बहता दर्द
रगो में,बिखरेगा
बन मुस्‍कान ।
     9
मेरी उड़ान
ले नयी पहचान
छू ले आसमां।
    10
बेरूखी तेरी
टूटेगी इक दिन
है इंतजार ।


सीमा स्‍मृति

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