Friday, November 8, 2013

वो क्‍या जानें

         कहते हैं वो
  जख्‍म मिलते हैं भर जाने को
  अश्‍क बहते हैं गम को भुलाने को 
  ये क्‍या जाने जख्‍म देने वाले 
  सूख जाया करते हैं अश्‍क 
  जख्‍म के नासूर हो जाने पर।

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