Thursday, November 7, 2013

‘मूक’

स्‍पर्श केवल,
अंघकार की जबान नहीं,
यह भाषा है,
प्रत्‍येक जीवन की
भट्टी के अंगारो की तरह उकेरा है
हर स्‍पर्श से पूर्व जिन्‍दगी ने ।

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