Tuesday, November 12, 2013
‘यादें’
1
कहीं तस्वीर
कहीं दिल में कैद
यादें दीवानी।
2
सरकंडों -सी
चुभे,कभी फाहा हो
सोखती दर्द ।
3
याद बादल
नहीं,जो आए जाए
थिर सूरज।
4
चुने जो फूल
अँजुरी भर लाई
हुए ये शूल।
5
सर्द शाम की
तन्हाई में सिमटी
खोजें बिछौना।
6
साँसों -सी चले
ये अंग -संग मग्न
बदले रूप।
7
ये ठिठकती
सिकुड़ी पपड़ी -सी
8
फूल -सी खिली
सिमटी महक -सी
अस्तित्व संग।
9
मिश्री -सी मीठी
निबौरी सी- कड़वी
अनंत यादें।
10
शब्दों की सीमा
यादों की नदी।
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सीमा जी, बहुत अच्छा लगा आपको अपने ब्लॉग में देखकर! उत्साहवर्धन का बहुत-बहुत आभार! ऐसे ही मिलते रहिएगा ! :)
ReplyDeleteबहुत सुंदर हाइकु हैं... यादें तो बहुत कुछ समेटे हुए रहतीं हैं.. पूरी ज़िंदगी का ख़ज़ाना .. यादें.. :-)
~सादर
अनिता ललित