Saturday, November 30, 2013

आंखे

खामोश बोलें
   ये राज हर खोलें
   बोलती आंखें ।
2 नैनों की भाषा
  है अजब पहेली
  बूझ सहेली ।
3 दर्द से भरी
  आंसुओं को हैं,थामे
  क्‍यों मुस्‍कराती ।
4 चपल नैना
  सुनाये है, कहानी
  मुंह जुबानी ।
5 मृग नैना
  छीनें मन का चैना
  ये दिन रैना ।
6 बन आईना
  करती ये बयान
  हर दर्शन।
7 नैन पिंजरा
  मन, मोहक पंछी
  करे सवाल ।
8 ये अंग संग
  हैं, जीवन तरंग
  देखो ये, रंग।


     

1 comment:

  1. आँखों की जुबान से तार्रुफ कराने के लिए शुक्रिया...

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