1
बेपरवाह
हँसी-सी,ये फिसली
ओर ना छोर ।
2
कहे पवन
छू तन और मन
मेरा गगन ।
3
पवन बिन
इंसान, जल बिन
मीन समान।
4
जीवन डोर
बंधी है तेरे संग
अनूठा रंग।
5
आंख मिचौली
खेले ये दिन रात
बनाये बात।
6
मेरी तन्हाई
बेदर्द पुरूवाई
करें हैं शोर ।
7
भयी वसन्ती
मदमस्त पवन
आया सावन।
8
यूं है चलती
ये चपल चंचला
नव यौवना ।
9
मेरी सहेली
तेरे संग रंगीला
हर मौसम ।
10
चूम लेती ये
धरती या आकाश
एक ही साथ।
No comments:
Post a Comment
Note: Only a member of this blog may post a comment.