Wednesday, October 9, 2013

'कैसे कहूँ क्‍यों.......?

गरिमा, आज तुम फिर लेट हो गई, क्‍या हुआ?
क्‍या बताऊ यार हम वर्किगं लेडीज की बहुत-सी समस्‍याएँ हैं। पहले तो आज सुबह आँख देर से खुली फिर तुझे तो पता है आज कल नवरात्रे शुरू हो चुके हैं और मैं सारे व्रत रखती हूँ! सुबह सुबह कितना काम करना पड़ता है। सब के लिए अलग अलग नाश्ते बनाओ। आशु के लिए पोहा बनाया। पावनी के लिए परांठे, पति देव के लिए बैड सैण्डविच। नवरात्रे में 'तीनों टाइम' आलू खाना मुझे बिलकुल पंसद नहीं तो अपने लिए सवांग के चावल की खीर बनाई, दोपहर लंच के लिए सवांग के चावल की वैजीटेबल वाली खि‍चड़ी बनाई और इन सब के लिए पनीर की सब्‍जी,कितना काम रहता ।

तुझे तो पता है, आजकल नवरात्रों मैं दो पाठ करती हूँ दुर्गा सप्‍तशती और दुर्गा चालीसा । वो मैं लेट तो हो रही थी उस पर सोने पर सुहागा आरती की कैसेट खराब हो गई, पति देव से कहा आरती आप कर दो ,ये कैसे हो,?उनका अखबार खत्‍म हो तब ना ।सारी मुसीबतें तो औरतों के लिए हैं ।

अब तू ही बता, बॉस को कैसे कहूँ मैं आज फिर क्‍यों ऑफिस के लिए लेट हो गई------?

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