Wednesday, October 9, 2013

सहानुभूति



मीरा अस्‍पताल में है, मिसेज शर्मा ने  कहा ।

क्‍या हुआ मीरा को, मिसेज बंसल ने पूछा ।

 
मालूम नहीं ! कुछ तो हुआ है पन्‍द्रह दिन से एडमिट है।

कहां एडमिट है ?

अपोलो में ।

अरे वाह, वो तो फाइव स्‍टार अस्‍पताल है । फिर क्‍या, मीरा को क्‍या फर्क
पडता है ? सिंगल है । शादी हुई नहीं ।  उसने  कौन से बच्‍चे पालने है।
क्‍या करेगी इतना पैसा ! कौन सा साथ लेकर जाना हैं। गहने कपडे तो खरीदती
नहीं , उसे कम से इलाज तो फाइफ स्‍टार करवाना चाहिए । मिसेज बंसल ने कहा।
 
चल यार, कल आफिस से जल्‍दी निकल उसे देखने अस्‍पताल में चलते है ।
हां बढिया आइडिया है।  बॉस की फेव‍रिट स्‍टाफ है मीरा । उसकी बीमारी की
खबर सुन मेहता जी काफी द्रवित से लग रहे हैं। हमें अस्‍पताल जाने की
परमिशन के लिए मना नहीं करेगें।
 
सुन हम जरा जल्‍दी निकलने की परमिशन लेगे । अस्‍पताल में दस   पन्‍द्रह
मिनट बैठ  उसका हाल चाल पता कर, शापिंग करने  चलेगें । कुछ खायेंगे
पीयेगे। बहुत दिन हो गए कलेवा के दही भल्‍ले और गोल गप्‍पे खाये हुए।

वहा!! गुड आइडिया ,मेरे तो मुहं में पानी आ गया।

आफिस में  शाट लीव लेने का ऐसे मौके बहुत कम मिलते है।

सीमा स्‍मृति

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